1. दो स्ट्रोक इंजनों में वाल्व नहीं होते हैं, जो उनकी संरचना को बहुत सरल बनाता है और उनका अपना वजन कम करता है।
2. दो स्ट्रोक इंजन प्रति क्रांति में एक बार प्रज्वलित होते हैं, जबकि चार स्ट्रोक इंजन हर दूसरी क्रांति में एक बार प्रज्वलित होते हैं। यह टू-स्ट्रोक इंजन को एक महत्वपूर्ण शक्ति आधार प्रदान करता है।
3. टू-स्ट्रोक इंजन किसी भी दिशा में चल सकता है, जो चेन आरी जैसे कुछ उपकरणों में महत्वपूर्ण है। एक मानक चार स्ट्रोक इंजन ईंधन के हिलने पर ख़राब हो सकता है, जब तक कि वह सीधा खड़ा न हो। इस समस्या के समाधान से इंजन का लचीलापन काफी बढ़ जाएगा।
ये फायदे टू-स्ट्रोक इंजन को हल्का, सरल और निर्माण में सस्ता बनाते हैं। एक दो-स्ट्रोक इंजन में भी उसी स्थान में शक्ति को दोगुना करने की क्षमता होती है, क्योंकि इसमें प्रति क्रांति में पावर स्ट्रोक दोगुना होता है। हल्के वजन और दोहरी शक्ति का संयोजन इसे कई चार स्ट्रोक इंजनों की तुलना में आश्चर्यजनक "थ्रस्ट टू वेट अनुपात" देता है।
टू-स्ट्रोक इंजन के क्या फायदे हैं?
Sep 06, 2023
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